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वैज्ञानिक विधि क्या होती है? | वैज्ञानिक विधि के चरण

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वैज्ञानिक विधि

वह विधि जिसके द्वारा प्राकृतिक घटनाओं का अध्ययन किया जाता है तथा भौतिकी के नियमों और सिद्धान्तों को बनाया जाता है, 'वैज्ञानिक विधि' कहलाती हैं। इसे 'भौतिकी की तकनीक' भी कहा जाता है। वैज्ञानिकों के द्वारा विभिन्न अनुसन्धान कार्यों के लिए वैज्ञानिक विधि का प्रयोग किया जाता है। यह सुव्यवस्थित, क्रमबद्ध और तर्कसंगत विधि होती है।

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वैज्ञानिक विधि के चरण

वैज्ञानिक विधि के पाँच चरण होते हैं। ये चरण निम्नलिखित हैं–
1. क्रमबद्ध प्रेक्षण,
2. परिकल्पना की स्थापना,
3. परिकल्पना की सत्यता का परीक्षण,
4. सिद्धान्त की स्थापना,
5. नियम की स्थापना।

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क्रमबद्ध प्रेक्षण

विज्ञान से सम्बन्धित किसी भी समस्या का समाधान करने के लिए वैज्ञानिक सर्वप्रथम सुनियोजित प्रयोग करते हैं। इसके बाद वे क्रमबद्ध प्रेक्षण लेकर उस समस्या से सम्बन्धित आँकड़ों को एकत्रित करते हैं।

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परिकल्पना की स्थापना

प्रयोगों द्वारा प्राप्त आँकड़ों की व्याख्या करने के लिए वैज्ञानिकों द्वारा कार्यकारी नियम बनाया जाता है। इस कार्यकारी नियम को परिकल्पना कहा जाता है।

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परिकल्पना की सत्यता का परीक्षण

कार्यकारी नियम से प्राप्त परिकल्पना के आधार पर कुछ निष्कर्ष निकाले जाते हैं। इन निष्कर्षों के माध्यम से भविष्यवाणियाँ की जाती हैं तथा अन्य प्रयोग करके उनका सत्यापन किया जाता है।

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सिद्धान्त की स्थापना

यदि निष्कर्षों और भविष्यवाणियों का प्रयोगों द्वारा सत्यापन हो जाता है, तो उस परिकल्पना को सिद्धान्त का रूप दे दिया जाता है। यदि निष्कर्षों और भविष्यवाणियों का सत्यापन नहीं हो पाता, तो उस परिकल्पना को संशोधित किया जाता है या पूर्णतः नवीन परिकल्पना की स्थापना की जाती है। इस प्रकार परिकल्पना की सत्यता का पूर्णतः परीक्षण होने के पश्चात् उसे सिद्धान्त का रूप दे दिया जाता है। अतः स्पष्ट है कि प्रयोगों द्वारा सत्यापित परिकल्पना को 'सिद्धान्त' कहा जाता है।

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नियम की स्थापना

इस प्रकार परिकल्पनाओं से प्राप्त सिद्धान्त केवल प्रकृति की कुछ सीमित घटनाओं, प्रेक्षणों और तथ्यों के लिए ही सत्य होता है। यदि यह पाया जाता है कि प्रतिपादित किया गया सिद्धान्त प्रकृति की सभी घटनाओं, प्रेक्षणों व तथ्यों के लिए सत्य है, तो इसे नियम का रूप दे दिया जाता है। यदि सिद्धान्त सभी घटनाओं, प्रेक्षणों व तथ्यों के लिए सत्य नहीं होता, तो उसे संशोधित किया जाता है या पूर्णतः नवीन सिद्धान्त की स्थापना की जाती है। इस प्रकार सिद्धान्त की सत्यता का पूर्णतः परीक्षण करने के पश्चात् ही उसे नियम का रूप दिया जाता है।

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2. भौतिक राशियाँ एवं उनके प्रकार | Physical Quantities And Their Types
3. विद्युत आवेश, विद्युत प्रवाह के सिद्धांत और क्वाण्टीकरण | Electric Charge, Theory Of Electric Current And Quantization
4. मात्रक किसे कहते हैं? | किसी भौतिक राशि का मापन कैसे किया जाता है? || Information About Units And Measurement
5. किलोमीटर को सेन्टीमीटर में कैसे बदलें | मात्रकों का रूपान्तरण || Conversions Of Units



I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
rfcompetiton.com

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